अकीर्तिं चापि भूतानि कथयिष्यन्ति तेSव्ययाम् ।
सम्भावितस्य चाकीर्तिर्मरणादतिरिच्यते ।। ३४ ।।
लोग सदैव तुम्हारे अपयश का वर्णन करेंगे और सम्मानित व्यक्ति के लिए अपयश तो मृत्यु से भी बढ़कर है ।
गीता सार-श्रीमद् भगवद्गीता-अध्याय-2.34, Geeta Saar-Srimad Bhagavad Gita-2.34अतः अर्जुन के लिए भगवान् का अन्तिम निर्णय था कि वह संग्राम से पलायन न करे अपितु युद्ध में मरे ।गीता सार-श्रीमद् भगवद्गीता-अध्याय-2.34, Geeta Saar-Srimad Bhagavad Gita-2.34
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