Increase Brain Power

बच्चों की ब्रेन पावर कैसे बढ़ाएं: परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए टिप्स

हर बच्चे की सोचने-समझने की क्षमता अलग-अलग होती है। कुछ बच्चे चीजों को जल्दी समझ जाते हैं, जबकि कुछ को एक ही बात को कई बार समझाना पड़ता है। यह कारण है कि परीक्षाओं में हर बच्चे के अंक अलग-अलग होते हैं। लेकिन अगर आप चाहें, तो बच्चे की ब्रेन पावर को बढ़ा सकते हैं। यह कोई एक दिन का काम नहीं है, इसके लिए निरंतर प्रयास करना होगा। यदि आप चाहती हैं कि आपका बच्चा परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करे, तो शुरुआत से ही उसे कुछ खास ब्रेन एक्सरसाइज़ सिखाएं।

बच्चों के दिमाग को कैसे तेज करें?

नीतू अपनी बेटी की स्कूल में परफॉर्मेंस से बहुत खुश है। उसे हर परीक्षा में अच्छे अंक मिलते हैं, जबकि उसका बेटा पढ़ाई में थोड़ा पीछे रह जाता है। नीतू अपने बेटे पर ज्यादा ध्यान देती है ताकि वह समझ सके, लेकिन उसके बावजूद भी उसकी परफॉर्मेंस में सुधार नहीं हो पा रहा है। असल में, जब तक बच्चों की ब्रेन पावर नहीं बढ़ेगी, कोई भी चीज सिखाने का असर नहीं होगा। हर बच्चे की ब्रेन पावर अलग होती है, लेकिन शोधों से पता चला है कि कुछ उपायों से इसे बढ़ाया जा सकता है। आइए जानते हैं, बच्चों की ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी एक्सरसाइज़ कर सकते हैं।

ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़

बच्चों को तनावमुक्त रखने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ बेहद जरूरी है। परीक्षाओं के समय बच्चों में तनाव न हो, इसके लिए उन्हें गहरी सांस लेने और धीरे-धीरे छोड़ने की आदत डालें। इससे बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है और वे पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं।

शारीरिक और मानसिक तालमेल के लिए एक्सरसाइज़

बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से फिट रखने के लिए कुछ खास एक्सरसाइज़ करवा सकते हैं:

  • सुबह उठते ही बच्चों को टो एक्सरसाइज़ करवाएं, जिसमें पैरों के पंजों को ऊपर-नीचे की तरफ घुमाया जाता है।
  • यदि बच्चा लेफ्टहैंडेड है, तो उसे राइट हैंड से काम करने को कहें, और यदि वह राइटहैंडेड है, तो उसे लेफ्ट हैंड से काम करने को कहें। इस अभ्यास से बच्चे का ब्रेन शार्प होता है और शरीर और दिमाग में तालमेल बना रहता है।
  • एक और दिलचस्प एक्सरसाइज़ है, जिसमें बच्चे को अपनी दाहिनी कोहनी से बाएं घुटने को छूने को कहा जाता है और फिर बाईं कोहनी से दाहिने घुटने को छूने को कहा जाता है। इसे दिन में पांच मिनट तक करें।

एकाग्रता बढ़ाने वाले गेम्स

अगर आप चाहती हैं कि आपका बच्चा पढ़ाई में होशियार बने, तो उसकी एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाने के लिए कुछ गेम्स खेल सकते हैं:

  • छोटे बच्चों के साथ आप खिलौनों को एक लाइन में रखकर उनमें से एक खिलौना हटा दें और बच्चे से पूछें कि कौन-सा खिलौना गायब है।
  • बड़े बच्चों के सामने 15 सेकंड के लिए कई चीजें रखें और फिर उन्हें हटा दें। अब उनसे पूछें कि कितनी चीजें उन्हें याद हैं। शुरुआत में 5-6 चीजें रखें और फिर धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएं।

मेमरी एक्सरसाइज़

बच्चों को छोटी उम्र से ही उनके नाम की स्पेलिंग, परिवार के सदस्यों के नाम, पते, फोन नंबर आदि सिखाना मेमरी एक्सरसाइज़ का हिस्सा है। इसके अलावा, कविताएं, गाने, छोटी कहानियां याद कराने से बच्चों का दिमाग चीजों पर फोकस कर पाता है और उन्हें याद रखने की क्षमता बढ़ती है।

क्रॉसवर्ड पज़ल्स

बड़े बच्चों के लिए क्रॉसवर्ड सॉल्व करना एक बेहतरीन ब्रेन एक्सरसाइज़ है। क्रॉसवर्ड पज़ल्स से बच्चों की सोचने-समझने और याद रखने की शक्ति बढ़ती है। जब भी आपके पास खाली समय हो, तो बच्चों के साथ बैठकर क्रॉसवर्ड पज़ल्स हल करें और सही उत्तर मिलने पर उनकी तारीफ करें। इससे बच्चे को आत्मविश्वास मिलेगा और वह आगे भी इसे करने के लिए प्रेरित होगा।

रचनात्मक आउटडोर एक्टिविटी

बच्चों को प्रतिदिन कम से कम दो घंटे के लिए बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें। उन्हें ट्रैम्पोलिन जम्पिंग, रेत से घर बनाने जैसे खेल खेलने दें, या फिर गार्डनिंग के लिए प्रेरित करें। इस तरह की शारीरिक गतिविधियों से बच्चों के ब्रेन सेल्स एक्टिव होते हैं और मस्तिष्क में रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है।

बच्चों के साथ पढ़ाई का समय बिताएं

छोटे बच्चों को ब्रेन एक्सरसाइज़ कराने का सबसे अच्छा तरीका है उनके साथ कविता या स्टोरी बुक पढ़ना। बच्चे कविताओं को बहुत पसंद करते हैं और जब आप उन्हें पढ़ते हैं, तो वे भी उसे दोहराते हैं। इससे उनकी समझ और सीखने की शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा, बच्चों की वर्बल स्किल और शब्दावली भी सुधारती है।

परीक्षा के समय पैरेंट्स को क्या करना चाहिए?

परीक्षा का समय बच्चों के लिए तनावपूर्ण हो सकता है, लेकिन पैरेंट्स का सही रवैया बच्चों की परफॉर्मेंस पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • घर का माहौल खुशनुमा और शांत रखें ताकि बच्चे बिना किसी तनाव के पढ़ाई कर सकें।
  • बच्चे को सही समय पर पढ़ाई, ब्रेक और नींद के लिए प्रोत्साहित करें। बिना ब्रेक के लगातार पढ़ाई से बच्चे तनावग्रस्त हो सकते हैं।
  • बच्चे पर अधिक दबाव न डालें। “तुम्हें 90% मार्क्स लाने ही होंगे…” जैसी बातें न कहें।
  • अगर बच्चे का व्यवहार परीक्षा के दौरान ठीक नहीं है, तो गुस्सा होने की बजाय प्यार से समझाएं।
  • परीक्षा के दौरान बच्चे को घर के कामों से दूर रखें और उसे पढ़ाई में फोकस करने दें।
  • बच्चे को थोड़ा समय खेलकूद और टीवी देखने के लिए दें ताकि वह रिलैक्स हो सके।
  • परीक्षा को हौवा न बनाएं, इसे सामान्य तरीके से लें और बच्चे को महसूस न होने दें कि आप उसकी परीक्षा को लेकर चिंतित हैं।

डायट का रखें ध्यान

परीक्षा के दौरान बच्चों को स्वस्थ और स्ट्रेस फ्री रखने के लिए सही डायट का बहुत महत्व है। यहां कुछ डायट टिप्स दिए गए हैं:

  • ब्रेकफास्ट में स्टार्च और मीठी चीजों की बजाय फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थ, जैसे दलिया, पोहा, उपमा और होलव्हीट ब्रेड सैंडविच दें।
  • बच्चों को रोजाना कम से कम 2 लीटर पानी पीने के लिए कहें।
  • उनके आहार में ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।
  • प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं, जैसे दाल, अंकुरित मूंग, चना, सोया, दूध से बनी चीजें, सीफूड, लीन मीट, अंडा आदि।
  • कोल्ड ड्रिंक, जंक फूड, फ्राईड स्नैक्स, एनर्जी ड्रिंक से बच्चों को दूर रखें।
  • ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे रेड मीट, रागी, पालक दें। साथ ही विटामिन बी युक्त साबुत अनाज, अंकुरित गेहूं, अंडे, बादाम आदि को भी उनकी डायट में शामिल करें।
  • बच्चों को एक बार में अधिक भोजन देने की बजाय दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा करके खिलाएं, ताकि उनके शरीर और मस्तिष्क को आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहें।
  • बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज और तरबूज के बीज स्मरण शक्ति बढ़ाने के साथ ही एकाग्रता में भी मदद करते हैं।
  • बच्चों को बहुत अधिक चाय या कॉफी पीने से रोकें, खासकर परीक्षा के दौरान, क्योंकि यह उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं है।

थकान, चिंता और डिप्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। इसलिए परीक्षा के दौरान यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा पर्याप्त नींद ले रहा हो, वरना वह आरामदायक तरीके से परीक्षा नहीं दे पाएगा।


इन सभी उपायों से आप अपने बच्चे की ब्रेन पावर को बढ़ा सकते हैं, जिससे वह परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेगा। याद रखें, बच्चे की पढ़ाई और स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सके और अपना सर्वश्रेष्ठ दे सके।

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